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Chandrayaan-3: चंद्रयान-3 भारत का वैज्ञानिक युग, अंतरिक्ष के आसमान में उड़ान!

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Chandrayaan-3
Chandrayaan-3

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) द्वारा चंद्रयान 3 (Chandrayaan-3)मिशन के प्रत्याशित लॉन्च का इंतजार देशभर में बढ़ गया है। इस मिशन को सतीश धवन स्थान केंद्र, श्रीहरिकोटा से 14 जुलाई को 2:35 PM बजे पर लॉन्च किया जाएगा। यह मिशन भारत के अंतरिक्ष अनुसंधान के लिए एक महत्वपूर्ण कदम होगा और राष्ट्रीय गर्व की बात होगी।

चंद्रयान 3 (Chandrayaan-3) मिशन में कई प्रमुख उपकरणों का उपयोग किया जाएगा। इसमें स्पेसक्राफ्ट, लैंडर, रोवर और अन्य उपकरण शामिल होंगे। इन उपकरणों की सहायता से चंद्रमा की सतह पर विस्तारित जानकारी प्राप्त की जाएगी और भूमि के बीच संपर्क स्थापित किया जाएगा।

Chandrayaan मिशनें भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) द्वारा आयोजित की जाती हैं। यह मिशनें चंद्रमा की अध्ययन करने के उद्देश्य से शुरू की जाती हैं और भारत को अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष मिशनों में एक महत्वपूर्ण स्थान देती हैं। इस लेख में हम चंद्रयान मिशनों की समयरेखा के बारे में बात करेंगे।

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चंद्रयान-1 (Chandrayaan-1)

चंद्रयान-1 भारत का पहला चंद्रमा मिशन था। यह मिशन 22 अक्टूबर 2008 को लॉन्च किया गया था। इस मिशन के माध्यम से चंद्रयान-1 अपनी यात्रा की प्रारंभिक अवधि में चंद्रमा के परिसर में उपस्थिति सत्यापित करने के लिए बनाया गया था। चंद्रयान-1 ने चंद्रमा के चित्रण, तापमान और अन्य वैज्ञानिक अध्ययन किए।

चंद्रयान-2 (Chandrayaan-2)

चंद्रयान-2 मिशन भारत का दूसरा चंद्रमा मिशन था। यह मिशन 22 जुलाई 2019 को लॉन्च किया गया था। चंद्रयान-2 का मुख्य उद्देश्य चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव क्षेत्र में विक्रम लैंडर को अटैक करना था। यह मिशन भारत की पहली चंद्रमा पर्यटन मिशन भी थी। हालांकि, विक्रम लैंडर को चंद्रमा की सतह पर सफलतापूर्वक लैंड नहीं कर सका, लेकिन इस मिशन के माध्यम से भारत ने अपनी तकनीकी क्षमता को सुधारा और अंतरराष्ट्रीय मिशनों में अपनी मौजूदगी बताई।


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